भारत की गीता गोपीनाथ ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक अहम मुकाम हासिल कर भारत को गौरवनित किया है। गीता गोपीनाथन को सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है। इस पद को हासिल करने वाली गीता दूसरी भारतीय है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम कर रही गीता गोपीनाथ मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह लेंगी जो कि इस साल के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीइआर) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइोकनॉमिक की सह-निदेशक भी हैं। गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि आईएमएफ का रिसर्च डिपार्टमेंट दुनिया भर की अर्थव्?यवस्?थाओं पर अध्?ययन करके सदस्?य देशों के लिए जरूरी नीतियां तैयार करता है।
कौन हैं गीता गोपीनाथ?
गीता गोपीनाथन का जन्म सन 1971 में केरल में हुआ। इनकी स्कूली शिक्षा केरल में ही हुई। गीता ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली आ गई । गीता ने साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की। उच्चय शिक्षा के लिए वे साल 1994 में वाशिंगटन आ गई यहा उन्होंने 1996 से 2001 तक प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी किया।
गीता ने साल 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम किया। इसके बाद साल 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। साल 2010 में गीता इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनीं और फिर 2015 में वे इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर बन गईं।
गौरतलब है कि आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं जबकि ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री रहे हैं। गीता गोपीनाथ को पिछले साल केरल सरकार का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया गया था।