मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में जांच का सामना कर रहे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने ट्वीट कर सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकों को यह निर्देश क्यों नहीं देते कि वो मेरा पैसा लौटाने का प्रस्ताव स्वीकार करें। ताकि, जनता की उस रकम की रिकवरी हो सके जो किंगफिशर को लोन के तौर पर दी गई थी। इस मामले में गुरुवार सुबह विजय माल्या ने अपने बचाव में एक के बाद एक चार ट्वीट किए है।
पहले ट्वीट में विजय माल्या ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मेरा पैसा लौटाने का ऑफर स्वीकार करने के लिए बैंकों को निर्देश क्यों नहीं देते? इसके बाद वह किंगफिशर को दिए गए लोन की पूरी वसूली के लिए कम से कम क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।
वहीं अन्य ट्वीट में माल्या ने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट्स में ईडी के हवाले से बताया जा रहा है कि मैंने अपनी संपत्ति छुपाई है। अगर ऐसा होता तो मैं कोर्ट के सामने १४००० करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा क्यों करता? जनता को गुमराह करना शर्मनाक है।
बता दें कि पिछले दिनों लोकसभा में पीएम मोदी ने बिना नाम लिये माल्या पर बड़ा हमला किया था। लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'जो लोग देश से भाग गए हैं , वो ट्विटर पर रो रहे हैं कि मैं तो ९ हजार करोड़ रुपये लेकर निकला था, लेकिन मोदी जी ने मेरे १३ हजार करोड़ जब्त कर लिए.?
बता दें कि माल्या पर बैंकों का लगभग ९४०० करोड़ रुपए बकाया है। उनके खिलाफ १७ बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी। माल्या की तरफ से कहा गया है कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को ६,१०७ करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था।