1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की बरसी के मौके पर आज पूरा देश में शहीद जवानों की शहादत को याद कर रहा है। विजय दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारण ने दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख बिरेंद्र सिंह धनोजा भी मौजूद रहे। उन्होंने भी शहीदों को श्रद्धांजति दी।
बता दें कि 1971 भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़ी युद्ध में भारत को जीत तो मिली थी लेकिन आज के ही दिन हमारे देश के कई जवान शहीद भी हो गए थे। 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले विजय दिवस समारोह के उपलक्ष्य में शुक्रवार को कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित पूर्वी सेना कमान मुख्यालय में अपने अनुभव साझा करते हुए ब्रिगेडियर ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई का एक अलग ही जोश था।
1971 में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीके पंवार के अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना का मौत इंतजार कर रही थी। भारतीय सेना जहां-जहां कदम रखती गई वहां विजय मिलती गई।
पूर्वी पाकिस्?तान में बंगाली राष्?ट्रवादी आत्?म निर्णय की लंबे समय से मांग कर रहे थे. 1970 के पाकिस्?तानी आम चुनावों के बाद ये संघर्ष बढ़ा. नतीजतन 25 मार्च, 1971 को पश्चिमी पाकिस्?तान ने इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया।
पाकिस्?तान ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हवाई हमला किया था। पाकिस्?तान ने ऑपरेशन चंगेज खान के नाम से भारत के 11 एयरेबसों पर हमला कर दिया। नतीजतन तीन दिसंबर, 1971 को भारत-पाकिस्?तान के बीच युद्ध शुरू हो गया। यह युद्ध कई दिनों तक चला था जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा हारारे हार का सामना करना पड़ा था। बहरहाल भारत ने 16 दिसंबर को जीत का जश्न मनाया था।