ध्यान देने वाली बात तो यह है कि वैंकया नायडू संसद में २५साल से हैं। और राजनीतिक करियर में उनका अनुभव करीबन ४५साल का है।
जब चुनाव के नतीजे आ गए तो विपक्ष में खड़े उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी ने लोगों को धन्यवाद करते हुए कहा, कि मैं संसद के उन सभी सदस्यों का आभार करता हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया और जिन्होंने मुझे समर्थन नहीं किया मैं उनका भी आभार प्रकट करता हूं। क्योंकि यह बैलेट और फ्री ऑफ स्पीच की जीत हुई है।
जैसे ही वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति का चुनाव जीते तो सबसे पहले बधाई उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी। उसके बाद नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर ट्वीट करके कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि उपराष्ट्रपति के पद पर वेंकैया नायडू एक अच्छे उपराष्ट्रपति है और यह पूरे भाव से देश की सेवा करेंगे।
उसके बाद दूसरी बधाई नायडू को सीट पर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की आई, उन्होंने कहा कि हम चाहे जीत गए हैं या हार गए। परंतु विचारधारा तो हमारी कभी भी विपक्ष के समझौते में नहीं रहेगी। परंतु मैं उन सभी लोगों का धंयवाद करता हूं जिन्होंने एनडीए के खिलाफ मतदान किए हैं।
१५वें उपराष्ट्रपति का पद संभाला वेंकैया नायडू ने
वेंकैया नायडू ने यूपीए के गोपाल कृष्ण गांधी को शिकस्त देते हुए देश के १५वें उपराष्ट्रपति पद को जीता है। इस उप राष्ट्रपति चुनाव में ९८.२१ के प्रति मतदान किए गए थे। जिसमें से ७६० वोट वैद्य थे और इन दोनों में से ५१६ वोट वेंकैया नायडू को मिले। वहीं दूसरी तरफ गोपाल कृष्ण गांधी को २४४ वोट मिले और उन्हें वैंकेया नायडू से जितने के लिए ३८१ वोट की जरूरत थी।
१४सांसदों ने नहीं डाला वोट
सांसद में कुल ७८५ लोग थे। जिसमें से ७७१ लोगों ने ही अपना वोट का इस्तेमाल किया है। बाकी १४ सांसदों ने वोट का इस्तेमाल नहीं किया है। कांग्रेस और भाजपा के दो-दो, आईयूएमएल के दो, टीएमसी के चार, एनसीपी का एक, पीएमके का एक और एक निर्दलीय सांसद ने अपने वोट का इस्तेमाल नहीं किया है।इसके इलावा भाजपा के विजय गोयल और सांवरलाल जाट ने अपने वोट नही इस्तेमाल किया और उसके बाद कांग्रेस की मौसम नूर और रानी नाराह ने अपना वोट नहीं डाला।