मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा गुरुवार को दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में हाजिर हुए। जानकारी के मुताबिक अधिकारी रक्षा सौदों के दलाल संजय भंडारी और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा के बीच हुए मेल की सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उनसे क़रीब ४० सवाल पूछे गए। इस दौरान उन्होंने लंदन में किसी भी तरह की संपत्ति होने से इनकार किया। उन्होंने ये भी कहा कि उनका संजय भंडारी से कोई लेना देना नहीं हैं।
बता दें कि वाड्रा को १२ फरवरी को जयपर में ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। इसके अलावा ईडी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ज्वाइंट डाइरेक्टर एवं दो डिप्टी डाइरेक्टर की अगुवाई वाली एक टीम मनीलॉन्ड्रिंग केस में वाड्रा से पूछताछ कर रही है।
बता दें कि अमेरिका के माफिया ग्रुप्स के चलते यह शब्द पहली बार सामने आया था। काले धन को वैध बनाना ही मनी लॉन्ड्रिंग कहलाता है। इसमें आपराधिक तरीके से जुटाए पैसों को वैध बनाकर दिखाया जाता है। भ्रष्टाचार, बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों में अनियमितता, अवैध सौदेबाजी (संपत्ति या किसी अन्य स्रोत) से मिला धन शामिल किया जाता है। १९९० में हवाला कारोबार के रूप में यह सबसे पहले भारत में सामने आया था, जिसमें कुछ बड़े नेताओं के नाम उजागर हुए थे।