यूपी में अब धर्मस्थलों, सार्वजनिक स्थानों, जुलूसों या जलसों में अब बिना परमिशन लाउडस्पीकर बजाना भारी पड़ेगा। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद गृह विभाग ने सभी जिलों के अफसरों को आदेश दिया है कि बिना परमिशन बजाए जा रहे लाउडस्पीकरों को 20 जनवरी तक उतरवा दें।
आदेश का उल्लंघन करने वालों को पांच साल का कारावास या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर भी सख्त ऐक्शन होगा। प्रमुख सचिव गृह को इस मामले में एक फरवरी को हाई कोर्ट को रिपोर्ट देनी है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को निर्देश दिए हैं कि राजस्व और पुलिस की एक टीम बनाकर 10 जनवरी तक ऐसे धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित कर लें, जहां बिना परमिशन के लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं।
सभी को 15 जनवरी तक का समय देकर तय प्रारुप के मुताबिक परमिशन लेने का नोटिस दें। अगर वे परमिशन नहीं लेते हैं और लाउडस्पीकर बजाते हैं तो उनके खिलाफ ध्वनि प्रदूषण नियम-2000 के तहत कार्रवाई की जाए।
बिना अनुमति लाउडस्पीकर बजाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। पर्यावरण (संरक्षण) 1986 अधिनियम की धारा 15 के तहत यह दंडनीय अपराध है। इसका उल्लंघन करने पर पांच साल तक की सजा का ऐलान है।