उत्तर प्रदेश सरकार ने चार हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने एक नोटिश जारी कर दिया है। इस नोटिश में उन्होंने कहा है कि प्राइमरी स्कूलों में मानक से ज्यादा उर्दू शिक्षक तैनात हैं इसलिए अब इन पदों पर भर्ती की जरूरत नहीं है।
बता दें कि यह शिक्षक भर्ती परीक्षा 2016 में हुई थी। इनमें कुल 16460 पद शिक्षकों के लिए खाली थे इनमे चार हजार पदों के लिए उर्दू शिक्षकों के पद को अलग कर दिया गया था। इस मामले में हाइकोर्ट ने भर्ती को जल्दी पूरा करने के निर्देश भी दिए थे। हालांकि अब चार हजार उर्दू शिक्षकों के पदों को रद्द कर दिया गया है। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग हाइकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा कि स्कूलों में पहले ही मानक से अधिक उर्दू शिक्षक हैं। इसलिए इन पदों पर भर्ती नहीं की जा सकती।
शिक्षक भर्ती विधानसभा चुनाव से पहले 15 दिसम्बर 2016 में शुरू हुई थी और इसकी कॉउंसलिंग 2017 मार्च में शुरू होनी थी लेकिन सत्ता संभालने के बाद राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। ये भर्ती 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के साथ शुरू की गई थी। इन दोनों पर सरकार बदलते ही रोक लग गई थी। अभ्यर्थियों के आंदोलन के बाद 12460 शिक्षकों की भर्ती तो शुरू कर दी गई लेकिन उर्दू भर्ती की प्रक्रिया ठप पड़ी थी।जानकारी के लिए बता दें कि इन पदों के लिए 11 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था।