मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हो सकता है ब्रेन टयूमर का खतरा

Aazad Staff

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मोबाइल फोन हमारे सेहत के लिए उतना ही खतरनाक है जितना डीज़ल वाहनों से निकलने वाला धुआं।

1980 के दशक में शुरू होने वाले मोबाइल फोन आज हर किसी के जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। अगर आप मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करते है। तो ये खबर आपके लिए बेहद ही खास है। आज के दौर में मोबाइल फोन लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। भारत की लगभग 80 प्रतिशत आबादी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती हैं।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एेमस) के एक नये रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है। ऐमस की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 वर्ष से भी ज़्यादा समय तक मोबाईल फोन का इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है।

मोबाइल फोन से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी वेव्स निकलती हैं। कैंसर के अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक ये तरंगें इंसानों में कैंसर का कारण बन सकते है। वहीं इंग्लैंड में भी एक शोध के दौरान पाया गया कि पिछले दो दशक में ब्रेन कैंसर के मामलों में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इसकी बड़ी वजह मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना बताया गया है।

मोबाइल फोन डीएनए पर भी डालती है असर-
हवा में डेटा इधर से उधर भेजने के लिए विद्युत चुबकिय वीकिरण यानी इलेक्ट्रो मेग्रेटिक तरंगे काम आती है। ये तरंगे हमारी सेहत पर नकरात्मक असर डालती है। जो हमारे शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को भी प्रभावित करती है।

फोन के ज्याद इस्तेमाल से इन बीमारियों का भी है खतरा - नींद न आना, हार्ट अटेक, सुनने की क्षमता पर असर, स्कीन एलर्जी, नजरों का कमजोर होना, सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती है।

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