अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात को येरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित कर दिया है. ट्रम्प ने इसका ऐलान कांफ्रेंस के जरिये किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी एम्बेसी तेल अवीव से इस पवित्र शहर में ले जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा की अमेरिका हमेशा से दुनिया में शांति का पक्षधर रहा है और आगे भी रहेगा।
बता दे की 1948 में यूएस प्रेसिडेंट हैरी ट्रूमैन पहले वर्ल्ड लीडर थे, जिन्होंने इजरायल को मान्यता दी थी।
गौरतलब है की येरूशलम इस्लाम और ईसाईयों की श्रद्धा का केंद्र रहा है. लेकिन कई वर्षो से यह इजरायल और अरब के बीच विवाद का भी केंद्र बन गया है.बता दें कि फिलिस्तीन पूर्वी येरूशलम को अपनी राजधानी मानता है, जहां अल अक्सा मस्जिद स्थित है.
हालाँकि इस फैसले के बाद से अरब जगत में खलबली मची हुई है. ट्रंप दवारा लिए गए इस फैसले से ज्यादातर देशों को इस बात की आशंका है कि दुनिया में एक बड़ा विवाद खड़ा सकता है जो आगे चल कर बड़े युद्ध के रूप में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है. ट्रम्प के इस फैसले का अरब लीग में शामिल 57 देशों ने विरोध किया है। वे 12 दिसंबर को बैठक करेंगे। तुर्की, सीरिया, मिस्र, सऊदी अरब, जाॅर्डन, ईरान समेत 10 से अधिक गल्फ देशों ने अमेरिका को वॉर्निंग दी है। फिलिस्तीन ने दुनिया के देशों से मदद की अपील की है।