पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक आम नागरिक की मौत हुई है। भीड़ के द्वारा की गई इस हिंसा की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। इस मामले में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस की एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने हिंसा फैलाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
इसके साथ ही पुलिस ने महाव और चिंगरावठी गांव में छापेमारी की। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने अब तक दो एफआईआर दर्ज की हैं। एक एफआईआर गोकशी के मामले में है और दूसरा हिंसा के मामले में है। पुलिस चश्मदीदों और सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों के हिसाब से छापेमारी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक 75 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है और 27 लोगों को नामजद किया गया।
क्या है पूरा मामला -
बुलंदशहर के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष होने का जिक्र किया । यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे। सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे को जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। इस दौरान बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी।