केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ५८ कानून को खत्म कर दिया है।केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उस बिल को भी मंजूरी दे दी, गई जिसमें प्रासंगिकता खो चुके ५८ कानूनों को खत्म करने की बात कही गई है। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में अनावश्यक हो चुके १८२४ पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए काम शुरू किया है। इसके साथ ही संशोधन विधयक २०१९ को जैसे ही मंजूरी मिलेगी १३७ और कानूनों को खत्म कर दिया जाएगा।
जिन ५८ कानूनों को खत्म किया जाएगा, तत्काल उनकी सूची उपलब्ध नहीं हो पाई है, लेकिन सरकार के सूत्रों ने कहा कि अधिकतर ऐसे कानून हैं जो प्रमुख और मुख्य कानूनों में संशोधन के लिए लागू किए गए थे।
मोदी सरकार ने जिन कानूनों को खत्म किया है वह घोड़ा गाड़ियों के नियमन और नियंत्रण के लिए बनाए गए थे जो देश की आजादी के पहले चलन में थे। हैकनी कैरिज एक्ट १८७९ और ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर बनाए गए ड्रामैटिक परफॉरमेंस एक्ट को भी खत्म कर दिया गया है।
खत्म हुए कानूनों में १८६७ का गंगा चुंगी कानून भी शामिल है जो नौकाओं और स्टीमरों पर लगाया जाता था। जिसके तहत १२ आने से ज्यादा वसूली नहीं करने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे ही कई और कानूनों को सरकार ने खत्म कर दिया।
गौरतलब है कि साल १९५० से लेकर २००१ के बीच १०० से अधिक कानूनों को खत्म किया गया है। और एक बार फिर से इस तरह के १०० कानूनों को एक झटके में खत्म किया जाना है।