राज्यसभा में शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ यू.ए.पी.ए / UAPA संशोधन विधेयक बिल को पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में १४७ और विपक्ष में ४२ वोट पड़े। बिल को पहले ही लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है। बता दें कि इस बिल में आतंक से संबंध होने पर संगठन के अलावा किसी शख्स को भी आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जब हम विपक्ष में थे तो हमने यूएपीए संशोधन का २००४ और २००८ और २०१३ में समर्थन किया था। आतंकवाद के खिलाफ सभी को एकजुट होना चाहिए।उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। यह मानवता के खिलाफ है, यह किसी सरकार या व्यक्ति के खिलाफ नहीं होता है।
अमित शाह ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका गुस्सा जायज है वह अभी-अभी चुनाव हारकर आए हैं। उन्होंने कहा कि एन.आई.ए ३ केसों पर सजा न होने पर दिग्विजय सिंह को आपत्ति है, इन मामलों में इसलिए सजा नहीं हुई क्यों कि यह केस राजनीतिक बदले की भावना से लगाए गए थे। जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया गया था।
अमित शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि समझौता एक्सप्रेस की बात करते हुए अमित शाह ने का कि इस धमाकों में असली दोषियों को छोड़ा गया और बेकसूर लोगों को पकड़ा गया। उनके खिलाफ कोई सबूत एन.आई.ए (NIA) नहीं दे पाई थी। इन मामलों में आतंकवाद को धर्म से जोड़ा गया और राजनीतिक एजेंडा साधा गया।
उन्?होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यदि विपक्ष भी एक मत होता तो देश में एक अच्छा संदेश जाता। इस बिल के माध्?यम से एन.आई.ए को शक्तिशाली बनाने के मुद्दे पर गृह मंत्री ने कहा कि एन.आई.ए जो मामले दर्ज करती है वो जटिल मामले होते हैं।