ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर पूरे देश के ट्रांसपोर्टरों ने आज से हड़ताल शुरू कर दी है। आज सुबह से सभी 570 ट्रांसपोर्ट्स हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर शहरी लोगों पर पड़ सकता है। रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली चीजें महंगी हो सकती है। इनमें दूध, अनाज, सब्जियां जैसी चीजे शामिल है।
इस हड़ताल से प्रतिदिन करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
ट्रक-बस ऑपरेटर्स की मांग-
दोनों संगठन यह हड़ताल पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग को लेकर कर रहे हैं। इसके साथ ही उनकी और भी कई मांगे है जिनमें मूल्य वृद्धि असमय नहीं हो, देश में ट्रांसपोर्टरों पर टोल न हो ,बीमा प्रीमियम में जीएसटी में छूट दी जाए, बसों और पर्यटन वाहनों को राष्ट्रीय परमिट दिया जाए