अक्सर हम देखते आए है कि युवा 22 से 25 साल की उम्र तक पढ़ाई करते है और फिर एक अच्छी नौकरी की तलाश में जुट जाते है। इस सफर में किसी को सफलता जल्दी मिल जाती है तो किसी को कुछ देर बाद लेकिन आज हम आपको एक ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया और आज के टाईम में वे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जाने माने हस्तियों में से एक है। हम बात कर रहे है लुधियाना में रहने वाले त्रिशनीत अरोड़ा की, जो आज के दौर में एक यंग CEO बन चुके हैं।
ताज्जुब की बात तो यह है कि इन्होंने कंप्यूटर की कोई पढ़ाई नहीं की है फिर भी इथिकल हैकिंग नाम के साथ इनका नाम जुड़ा है। अब आप ये सोच रहे होंगे की ये पढ़ने में काफी होनार छात्र होंगे तो आप गलत है।
त्रिशनीत अरोड़ा 8वीं क्लास में फेल हो गये थें तब घर से उन्हें बहुत ही डांट पड़ी थी। जब इनके माता-पिता ने पूछा तो इन्होंने कहा कि मैं पढ़ना नहीं चाहता इसके बाद माता-पिता ने उन्हें अनुमति दे दी कि तुम जो करना चाहते हो वो करो। त्रिशनीत को बचपन से ही कंप्यूटर में काफी दिलचस्पी थी। इन्होंने कंप्यूटर से जुड़ी टीएसी सिक्युरिटी नाम की एक कंपनी खोली जिसके लिए इनके पिताजी ने इन्हे 75 हजार रूपये दिये थें।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इन्होंने कहा कि मैंने अपने शौक को ही बिजनेस का रूप दे दिया जिसकी वजह से मैं आज यहा तक पहुंचा हूं। बता दें कि आज के समय में सीबीआई से लेकर रिलाईंस इंटस्ट्री तक त्रिशनीत की कंपनी के क्लाइंट है।
बता दें कि फोर्ब्स में नाम आने के लिए त्रिशनीत का नाम 2000 लोगों में से चुना गया है। चुनाव आयोग, एवोन साइकिल, राल्को टायर, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पेमेंट गेटवेज का सुरक्षा मूल्यांकन
त्रिशनीत के पास हैं।