लोकसभा चुनाव परिणाम : त्रिपुरा में कांग्रेस १ लाख से भी ज्यादा वोटों से पिछे

Aazad Staff

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त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट पर वोटो की गिनती जारी है। रूझानों में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी रेबती त्रिपुरा आगे चल रहे है। जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार महाराज कुमारी प्रज्ञा देबबर्मन एक लाख से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं।

त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों पर वोटों की गिनती का सिलसिला जारी है। त्रिपुरा में दो चरणों में चुना हुए है , जिसमें भाजपा, क्म्युनिस्ट पार्टी इंडिया (मार्क्सवादी) और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। इस लोकसभा चुनाव में त्रिपुरा पूर्व से भाजपा की प्रतिमा भौमिक, कांग्रेस की प्रज्ञा देव बर्मन और सीपीआई (एम) के जितेंद्र उपाध्याय मैदान में हैं। तो वहीं त्रिपुरा पश्चिम से भाजपा की उम्मीदवार रेवती त्रिपुरा, कांग्रेस के कैंडिडेट सुबल भौमिक और सीपीआई के शंकर प्रसाद दत्ता का आमना-सामना है।ऐसे में इन सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों के नाम का ऐलान जल्द ही होने वाला है।

गौरतलब है कि त्रिपुरा में तीसरे चरण में २३ अप्रैल को वोटिंग की गई थी। जिसमें क्षेत्र के कुल १२,५०,७७७ वोटरों में १०,४०,५७६ यानी ८३.१९ फीसदी लोगों ने अपने वोड का इस्तेमाल किया था। इस सीट से निर्दलीय समेत १० उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। बता दें कि त्रिपुरा में ६० सदस्यीय विधानसभा है, जिनमें से ३० विधानसभा सीटें त्रिपुरा ईस्ट संसदीय क्षेत्र में आती हैं।

त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है अगरतला इसकी राजधानी है। इस राज्य की सीमाएं असम, मिजोरम और बांग्लादेश से लगती है। त्रिपुरा की स्थापना १४वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने किया था। उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया था. त्रिपुरा साल १९५६ में भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ था। इसके बाद साल १९७२ में त्रिपुरा को राज्य का दर्जा दे दिया गया था।

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