१७वीं लोकसभा में आज एक बार फिर तीन तलाक बिल पेश किया जाएगा। लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल होगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद संसद में तीन तलाक बिल पेश करेंगे। गौरतलब है कि मौदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी तीन तलाक पर बिल लाया गया था लेकिन लोकसभा से पारित हो जाने के बाद यह बिल राज्यसभा से पास नहीं हो पाया था।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सितंबर २०१८ और फरवरी २०१९ में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था। यह विधेयक लोकसभा में तो पारित कर दिया गया था हालांकि राज्यसभा में इसे लंबित कर दिया गया था।
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, २०१९ के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है।