'वंदे भारत' एक्सप्रेस के नाम से जानी जाएगी ट्रेन १८

Aazad Staff

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स्वदेश निर्मित ट्रेन १८ का नाम बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत जल्द ही इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क किया गया है। बिना इंजन की यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी तक का सफर ८ घंटे में पूरा करेगी।

देश की पहली बिना इंजन वाली और पूरी तरह से स्वदेश निर्मित ट्रेन-१८ का नाम अब वंदे भारत एक्सप्रेस होगा। सेफ्टी क्लियरेंस, ट्रायल्स और टेस्ट्स पास कर लेने के बाद देश में निर्मित सेमी-हाईस्पीड ट्रेन ('वंदे भारत' एक्सप्रेस) यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है।

दिल्ली से वाराणसी तक का सफर यह ट्रेन मात्र ८ घंटे में पूरा करेगी। यह ट्रेन कानपुर व इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भी ठहरेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द इस ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से अगले सप्ताह तक स्वीकृति मिल जाएगी और दस दिनों के भीतर इस ट्रेन को ट्रैक पर उतार दिया जाएगा।

१६ कोच की इस ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने १८ महीने में तैयार किया है। ट्रेन में आधुनिकता के तमाम इंतजाम हैं। साथ ही दिव्यांगों के लिए भी विशेष सुविधा दी गई है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी। इसकी अधिकतम रफ्तार १६० किलोमीटर प्रति घंटा है। इस ट्रेन के निर्माण पर ९७ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भविष्य में ये ट्रेन ३० साल पुरानी शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी। इस ट्रेन में आम लोगों के साथ साथ दिव्यांगों के लिए भी बेहतरीन व्यवस्था की गई है।

वहीं अगर इस ट्रेन के किराए की बात करें तो फिलहाल इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है लेकिन चर्चा है कि इस ट्रेन के एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया २८,०० रुपये से २९०० रुपये के बीच और चेयर कार का किराया १६०० रुपये से १७०० रुपये के बीच हो सकता है।

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