केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक अध्यादेश को बुधवार को मंजूरी दे दी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देर रात इस अध्यादेश को पारित करते हुए इस मामले में दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा का प्रवधान दिया है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस ममाले की जानकारी बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन तलाक की कुप्रथा पर पाबंदी लगाये जाने के बाद भी यह जारी है, जिसके कारण अध्यादेश लागू करने की आवश्यकता पड़ी।
ज्ञात हो की तीन तलाक बिल राज्य सभा में लंबित है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से अपील की है कि वे राज्यसभा में लंबित विधेयक को पारित कराने में मदद करें।
तीन तलाक ममाले में ये है प्रावधान -
1. किसी भी माध्यम से जल्दबाजी में दिया गया तीन तलाक, अपराध के दायरे में आएगा। इस मामले में तीन साल की सजा का प्रावधान है।
2. पीड़ित महिला या उसके रक्त संबंधियों की शिकायत पर ही इस ममाले में कार्रवाई होगी। पड़ोसी या अंजान व्यक्ति की शिकायत पर ममाला दर्ज नहीं किया जाएगा।
3. अपराध की सूचना पर पुलिस तुरंत गिरफ्तारी कर सकती है।
4. तीन तलाक देने वाले पति को मजिस्ट्रेट ही जमानत दे सकते हैं।
5.मजिस्ट्रेट के समक्ष समझौता भी हो सकता है, बशर्ते प्रभावित महिला इसके लिए रजामंद हो।