राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से हजारों की तादार में किसानों का आना शुरु हो गया है। दो दिवसी ये आदोलन 29 और 30 नवंबर तक होगा। अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे इस आंदोलन में देश भर के किसान शामिल हो रहे हैं। किसानों की सरकार से मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा दिया जाए।
किसान मुक्ति मार्च के लिए स्वराज इंडिया से जुड़े हजारों किसान आंदोलनकारी दिल्ली के बिजवासन इलाके में बुधवार को ही पहुंच गए थे। वहीं गुरुवार को सुबह दिल्ली के प्रवेश मार्गों से रामलीला मैदान तक किसान मार्च के लिये बिजवासन, मजनूं का टीला, निजामुद्दीन, आनंद विहार पर सभी किसान एकत्र हो रहे है। रामलीला मैदान में गुरुवार की शाम को किसानों के लिए 'एक शाम किसानों के नाम' सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है।
बता दें कि शुक्रवार को संसद मार्ग के दौरान किसानों का साथ देने व सभा में आंदोलन का समर्थन करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल के नेता भी शिरकत करेंगे। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को दो सत्रों में आदोलन का आयोजित करेगे। पहले सत्र में किसान नेता आंदोलन के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जबकि दूसरे सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता किसानों को संबोधित करेंगे।