रोहिंग्या लोगों की मदद के लिए यूरोपीय संघ ने सोमवार को 3 करोड़ यूरों देने का फैसला किया है। म्यांमार से बांग्लादेश पहुंचे लाखों लोगों की मदद करने के लिए जिनेवा में यूएन के सम्मेलन के मौके पर रोहिंग्या लोगों की मदद करने का ये वादा किया गया है।
इस साल अगस्त महीन से लगभग छह लाख से ज्यादा रोहिंग्या लोग बांग्लादेश पहुंचे हैं जिनमें से बच्चों की संख्या ज्यादा है। ये लोग म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा और सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए बांग्लादेश में आसरा लिये हुए हैं।
बांग्लादेश में कुल रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या लगभग नौ लाख के आस पास है। रोहिंग्या लोगों के आश्रय के लिए बांग्लादेश की सरकार ने म्यांमार की सरकार से बात की तो इस बारे में म्यांमार का कहना है कि रोहिंग्या उसके यहां बांग्लादेश से आये गैर कानूनी आप्रवासी हैं। वहीं रोहिंग्या लोगों का कहना है कि वे रखाइन प्रांत के मूल निवासी हैं और वे हजारों सालों से वहां रहते आये हैं।