12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान वाला बिल सोमवार को लोकसभा से पारित कर दिया गया। कानून बनने के बाद आपराधिक कानून संसोधन विधेयक इस साल 21 अप्रैल की जगह लेगा। बहरहाल इस बिल को राज्य सभा से मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
वहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल व अाजीवन कारावास की सजा का प्रावदान किया गया है। जबकि महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषियों की सजा सात साल से बढ़ा कर 10 साल कर दी गई है। इस तरह के मामलों में आजीवन कारावास का भी प्रावधान किया गया है।
विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872, अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 और बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून-2012 में संशोधन किया गया है, जिसमें 16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के अभियुक्तों को कम से कम 20 साल के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि नए कानून में दुष्कर्म के मामलों में जांच पूरी करने के लिए दो महीने की समय सीमा तय की गई है।