शताब्दी एक्सप्रेस को टक्कर देन के लिए ट्रेन-18 नामक यह ट्रेन बिना इंजन (लोकोमोटिव) के अगले हफ्ते से पटरी पर चलने के लिए तैयार है। इस ट्रेन की यह खासियत है कि बुलेट ट्रेन की तरह दिखने वाली यह ट्रेन राजधानी और शताब्दी से भी तेज रफ्तार में चलेगी साथ ही यात्रा में 10 से 15 फीसद तक समय कम भी कम लगेगा। इसमें कुल 16 कोच है हर कोच में एयर कंडीशनर और कैमरे लगे होंगे। डिजाइन से लेकर ब्रेक सिस्टम तक इसके निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 100 करोड़ रुपये की लागत वाली ट्रेन-18 दुनियाभर की आधुनिक और लक्जरी ट्रेनों को मात देगी।
ट्रेन-18 आगामी 29 अक्तूबर को पटरियों पर परीक्षण के लिए उतरेगी। यह देश की पहली ?इंजन-रहित ट्रेन? होगी। यह ट्रेन ?सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल? पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक चल सकती है। ये ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले कम वक्त लेगी। इस ट्रेन को शहर में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) द्वारा 18 महीने में विकसित किया गया है। इंडियन रेलवे के लिए ट्रेन-18 का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने किया है।
फिलहाल ये शताब्दी व राजधानी रूट के लिए तैयार की गई है और दिल्ली-भोपाल, चेन्नई-बेंगलुरु व मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलेगी। जनवरी, 2019 तक इसके लांच होने की उम्मीद है।