मुंबई में आज ही के दिन साल 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। आज भले ही इस आतंकीय हमले को 10 साल हो गए हो लेकिन दहशत के वो 60 घंटे आज भी भारत के इतिहास का काला दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता है। इस आतंकीय हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
पाकिस्तानी आतंकियों ने नरीमन हाउस और ताज होटल समेत कई जगहों पर हमला किया था। जिसमें कई निर्दोष लोगों को जान चली गई । इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों के साथ कई सुरक्षाबल व सेना के जवान भी शहीद हुए थे आज पूरा देश इन जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है।
मुम्बई में इस आतंकवाद को अंजाम देने के लिए 10 आतंकवादी समुद्र के रासते देश में घुसे थे। जिसके बाद इस घिनौने व कभी ना भूल पाने वाले वारदात को अंजाम दिया। इन्हीं से सबक लेते हुए देश ने अपनी समुद्री सीमाओं के निगरानी तंत्र को पुख्ता किया है। वर्ष 2014 में समुद्री सुरक्षा पर निगरानी तंत्र को पुख्ता करने के लिए गुरुग्राम में सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) का गठन किया गया।
यह नेशनल कमांड कंट्रोल कम्युनिकेशन एंड इंटेलिजेंस नेटवर्क की नोडल संस्था है, जो 51 तटरक्षक थानों को एक साथ जोड़ती है। तटीय निगरानी नेटवर्क (सीएसएन) के तहत राडार, कैमरे और सेंसर सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे हैं। 2009 में सागर प्रहरी बल का गठन किया गया।