देश में यह सबसे घातक संक्रामक रोगों में से एक है टीबी।डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 27 फीसदी टीबी के मामले भारत में हैं। भारत में साल 2015 में (टीबी) से मरनेवालों की संख्या 4,80,000 थी, जो साल 2014 में इस रोग से हुई 2,20,000 मौतों से दोगुनी है।
आपको बता दें कि दुनिया में केवल छह देशों- भारत, इंडोनेशिया, चीन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में नए टीबी मामलों में 60 फीसदी पाए जाते हैं, जबकि भारत, चीन और रूसी संघ में दुनिया के टीबी दवाइयों के प्रति प्रतिरोध विकसित कर चुके 45 फीसदी मरीज पाए जाते हैं।
टीबी के प्रकार
वैसे तो आमतौर पर देखा गया है कि टीबी की बीमारी शरीर के किसी भी अंग पर हो सकती है लेकिन यह अधिकत्तर फेफड़ो में पाई जाती है। हम टीबी के विभिन्न प्रकार से आपको अवगत करा रहें है
1) सरवाइकल टीबी- यह गर्दन के हिस्से में होती है।
2) हड्डियों की टीबी- यह रीढ़ की हड्डी में होती है।
3) मेनिजाइटिस टीबी- यह दिमाग में होती है।
4) इंटेस्टाइन टीबी- यह आंतो में पाई जाती है।
5) जेनेटिक टीबी- यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के व्यक्ति को होती है।
6) फेफड़ो की बलगम धनात्मक टीबी समाज और आसपास रह रहें लोगों के लिए जानलेवा साबित होती है इससे ग्रसित मरीज़ के छींकने, खांसने और बोलने से कीटाणु वातावरण में मिल सकते है साथ ही पास खड़ युवक या युवती में भी प्रवेश कर सकते है।
7) बलगम धनात्मक रोगी एक साल में 10 से 15 अन्य लोगों को टीबी की बीमारी दे सकता है।
टीबी से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठआए गए कदम-
1) इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए बीसीजी का टीका लगाया जाता है।
2) बीमारी पर रोकथाम के लिए देशभर में डॉट्स नामक कार्यक्रम पहले से ही चलाया जा रहा है।
3) निजी मेडिकल स्टोरों पर टीबी की दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है।
कैसे करें आवेदन
प्रत्येक मरीज़ को सबसे पहले अपने नज़दिकी सरकारी अस्पताल में जो उसके क्षेत्र या इलाके में आता हो उससे संपर्क करना होगा। इसके अलावा मरीज़ प्राइवेट अस्पताल में भी इस मिशन का लाभ उठा सकता है। अपनी पूरी जानकारी जरुर दे..