ट्रेन से उतरते समय या चढ़ते समय यात्री की मौत या उसका घायल होने का मुआवजा अब भारतीय रेलवे को देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा कि ट्रेन से उतरते या चढ़ते समय या फिर यात्रा के दौरान घायल या मौत होने पर यात्री व उसके परिजनों को मुआवजे का हक है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुआवजे का प्रावधान सभी तरह की दुर्घटनाओं पर लागू होगा। हादसे के लिए यात्री की लापरवाही को कारण बताकर रेल मंत्रालय मुआवजे देने से नहीं बच सकता।
पीठ ने यह आदेश पटना हाई कोर्ट के एक आदेश को बनाए रखते हुए दिया है बता दें कि 20 अगस्त, 2002 को बिहार में करौता से खुसरूपुर की यात्रा के दौरान यात्री की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई थी। मृतक यात्री सेकेंड क्लास के डिब्बे में यात्रा कर रहा था। उसकी पत्नी के मुआवजे के दावे को रेलवे ट्रिब्यूनल ने नहीं माना। उसने कहा, यात्री लटककर यात्रा कर रहा था, इसलिए दुर्घटना हुई।
इस मामले में महिला ने पटना हाई कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने महिला को चार लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था। जिसके बाद रेलवे ने इस मामले को सु्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे अब सुप्रीम कर्ट ने भी नकार दिया है और यात्रियों को मुआवजा देने का प्रावधान शुरु कर दिया है।