सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्ष्ता वाली पांच जजों की संविधान पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाज़त दी है लेकिन इस फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर के अनुयायियों का कहना है कि ये मंदिर की पंरपरराओं के खिलाफ है। यह मंदिर नैस्तिक ब्रहमचारी का मंदिर है, जिसमें रजस्वला उम्र की महिलाओं को प्रवेश प्रतिबंध है। कोर्ट इस परंपरा में देखल नहीं दे सकता। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में दिए फैसले में 4:1 के बहुमत से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता खोल दिया था। पीठ की एक मात्र महिला जज इंदु मल्होत्रा ने मंदिर की परंपराओं का ख्याल रखते हुए महिलाओं के प्रवेश का विरोध किया था। इस फैसले के बाद केरल में प्रदर्शन किया गया साथ ही 45 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर काफी विवाद चल रहा है। इससे पहले 5 नवंबर को मंदिर को खोला जाना था जिसके लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी।