सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहे है। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को अब अंग्रेजी से हिन्दी में ट्रांसलेट किया जाएगा। इसके बाद इसका क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद करने की कोशिश की जाएगी। 500 पन्नों जैसे बड़े फैसले को संक्षिप्त करके एक या दो पन्नों में किया जाएगा जिसे आम लोगों को समझने में आसानी होगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हिंदी में अनुवाद करने के पिछे विभिन्न राज्यों से आने वाले हजारों लोग है जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का अंग्रेजी आदेश व फैसला समझ में नहीं आता है, जबकि कई मामलों के फैसले बेहद गंभीर होते हैं।
जस्टिस गोगोई ने कहा कि प्रमुख फैसलों का संक्षिप्त रूप भी उपलब्ध करवाने पर बात हो रही है। जैसे ट्रिपल तलाक का फैसला चार सौ पन्नों में था लेकिन इसकी समरी कुछ पन्नों में ही बन सकती है। इसके लिए थिंक टैंक बनाया गया है जो यह काम करेगा। फैसलों की समरी को फैसला देने वाले जजों की मंजूरी के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा।