लोकपाल की नियुक्ती को लेकर सुप्रीम कोरट सख्त रुख अपना सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल कर ये बताने का निर्देश दिया है कि लोकपाल की नियुक्ति कब तक होगी? संसद में कानून बनने के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्देश देने के बावजूद लोकपाल गठन टलता रहा है।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे द्वारा लोकपाल के लिए किया गया आंदोलन संसद में पेश तो कर लिया गया लेकिन आज साढ़े चार साल बाद भी लोकपाल भी इसे वो स्थान नहीं मिल सका जिसके लिए राम लीला मैदान में लाखओं की तारा में अन्ना हजारे ने अनशन किया था।
बहरहाल भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने में मोदी सरकार ने जो तत्परता दिखाई, वो लोकपाल के मामले में देखने को नहीं मिलती है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी कांग्रेस के सदन में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष मानते हुए लोकपाल के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक बार लोकपाल के चयन समिति की बैठक भी बुलाई गई, लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं हो पाई।