पूणे जातीय हिंसा को लेकर तनाव बढ़ा, महाराष्ट्र के कई इलाकों में तनाव

Aazad Staff

Nation

भीड़ ने कई इलाकों में किया उपद्रव। कई इलाकों में धारा 144 लागू

भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर एक जनवरी को आयोजित किए गए कार्यक्रम के हिंसा भड़कने से एक शख्स की मौत हो गई और कई लोगों इस हिंसा में घायल हो गए । इस हिंसा को राज्य सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए है।

बता दें कि भीमा कोरेगांव में दलित संगठनों ने पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया था। इस दौरान भड़की हिंसा में 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई।

इस हादसे को लेकर सीएम फड़णवीस ने कहा कि सालगिरह के मौके पर करीब तीन लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस की छह कंपनियां तैनात की गई थ। लेकिन, कुछ लोगों ने माहौल को बिगाड़ा है। फड़णवीस ने कहा कि इस तरह की हिंसा को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने मृतक के परिवारवालों को दस लाख रूपये मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया है।

सीएम देवेंद्र फडनवीस ने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है और साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने की सभी से अपील की।

इस घटना पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। शरद पवार का कहना है कि घटना के पीछे कौन लोग हैं इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आगे यह भी कहा कि शौर्य दिवस के 200 साल पूरे होने पर अधिक लोगों को इकट्ठा होने की संभावना पहले से थी इसलिए प्रशासन को इस पर नजर रखनी चाहिए थी। बता दें कि 1 जनवरी 1818 के दिन अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में युद्ध हुआ था जिसमें पेशवा को अंग्रेजों से पटखनी मिली थी। इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.