अयोध्या मसले को सुलझने के लिए गुरुवार को आध्यात्मिक गुरु व आर्ट ऑफ लिविग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर
गुरुवार को अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होने कई संतों और महतों से मुलाकात की। यहां उन्होने बैठक के दौरान मसला सुलझाने के लिए कहा कि वक्त की जरुरत है। "मंदिर-मस्जिद के लिए संघर्ष करते बहुत समय बीत गया है, अब सौहार्द का नया अध्याय शुरू हो और दोनों समुदायों की सहमति से भव्य राम मंदिर बने।?
हालांकि इस मसले को लेकर कई पक्ष विरोध कर रहे है। कई पक्षों का ये मानना है कि कोई भी मलला कर्ट के दायरे में नही सुलझेगा। इसके साथ ही री श्री ने कहा "कोई अच्छा काम करने चलो तो बाधाएं आती ही हैं।" फिर वह बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में थे।दर्शन-पूजन के बाद बोले "हनुमान जी की कृपा से सौहार्दपूर्ण हल की बाधाएं दूर होंगी।
मंदिर-मस्जिद विवाद के सौहार्द्रपूर्ण समाधान के लिए हो गए लेकिन, जाते-जाते मसले के सौहार्दपूर्ण हल का विश्वास को जिंदा कर रहे है।
अयोध्या आने से एक दिन पहले श्री श्री ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दोनों पक्षों से जुड़े लोगों से मुलाकात की थी। गुरुवार को श्री श्री की यात्रा रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास से मुलाकात के साथ शुरू हुई।
गौरतलब है कि श्री श्री रवीशंकर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। अयोध्या मसले पर 5 दिसंबर से सुनवाई होनी है। ईलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमी को तीन हिसों में बाटने का आदेश दिया था। जिसके बाद कई पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।