ठोस कचरा प्रबंधन: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र,राज्य सरकारों को लगायी फटकार

Aazad Staff

Nation

ठोस कचरा प्रबंधन के लिए भारी-भरकम शपथनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को जमकर फटकारते हुए कहा कि उसे कूड़ा एकत्र करने वाला नहीं समझा जाये।

ठोस कचरा प्रबंधन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भटकार लगाई है। न्यायमूर्ति मदन लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष केन्द्र की तरफ से करीब 850 पृष्ठों का ठोस कचरा प्रबंधन पर हलफनामा दिया गया है। इस हलफनामे को लेकर कोर्ट ने केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को भी नहीं बख्शा। पीठ ने कहा, ? यदि केन्द्र सरकार सारा कूड़ा हम पर डालकर बचना चाहती है तो हम स्पष्ट कर दें कि हमें कूड़ा एकत्र करने वाला नहीं समझा जाना चाहिए। ?

शीर्ष अदालत ने केन्द्र और दिल्ली सरकार के हलफनामे को स्वीकार करने से इन्कार करते हुए तीन सप्ताह के भीतर ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के आधार पर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड के गठन पर पीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही वकील कादरी ने पीठ से कहा कि उसके पिछले साल 22 दिसंबर के आदेश के बाद केन्द्र ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखे थे। इनमें से 22 राज्यों ने अभी तक विवरण भेजा है। उन्होंने कहा कि हलफनामे में इस विवरण को संकलित किया गया है।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को भूमि आवंटन करने के लिये पत्र लिखा था और उसने कचरे से ऊर्जा बनाने का संयंत्र लगाने के लिये दक्षिण दिल्ली नगर निगम को 50 एकड़ भूमि आबंटित की।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.