NDA से अलग होगी शिवसेना, अकेले लडे़गी 2019 लोकसभा चुनाव

Aazad Staff

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आदित्य को उद्धव के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता रहा है

महाराष्ट्र: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने एक बड़ा फैसला किया है। पार्टी ने साफ किया कि अाने वाला विधानसभा और लोकसभा चुनाव पार्टी अकेले ही लड़ेगी। शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती पर 23 जनवरी को वरली के सरदार पटेल स्टेडियम में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। जिसके दौरान ये फैसला लिया गया है।

बता दें कि राज्य में अभी बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन है और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री है। राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं। वर्तमान में बीजेपी के पास 122 सीटें हैं, वहीं शिवसेना के पास 63, कांग्रेस के पास 42 और एनसीपी के पास 41 सीटें हैं. राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों का आंकड़ा होना जरुरी है।

शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार पांच साल में एक बार कार्यकारिणी की बैठक होती है। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक में आदित्य ठाकरे का कद पार्टी में बढ़ाया गया है।

दोनों पार्टीयों के बीच काफी समय से चल रहा है विवाद - महाराष्ट्र में भाजपा और शिवेसना के रिश्तों में 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही तनाव है। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी भी लगातार हो रही है। 2014 के लोकसभा में दोनों पार्टियों ने गठबंधन में इलेक्शन लड़ने के बाद विधानसभा मे दोनों पार्टियां अलग हो गईं। हालांकि चुनाव बाद फिर से दोनों पार्टी साथ आईं और प्रदेश में सरकार बनाई। अभी भी दोनों पार्टियों की महाराष्ट्र में साझा सरकार है।

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