ग़ालिब पर ट्वीट कर फंसे शशि थरूर, जावेद अख़्तर ने दी ये सलाह

Aazad Staff

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कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक गलत ट्वीट को लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने सुधारा। दरसल थरुर ने कुछ पंक्तियां सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्हें शायर मिर्जा ग़ालिब का बताया जो असल में थी ही नहीं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर अपने गलत ट्वीट के कारण सोशल मीडिया में चर्चा में बने हुए है। दरअसल, थरूर (Shashi Tharoor) ने ट्विटर पर तीन शेर लिखे जो यूं थे - 'ख़ुदा की मोहब्बत को फ़ना कौन करेगा? सभी बंदे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा? ऐ ख़ुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना, वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफ़ूज़, वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा. ' थरूर ने आगे लिखा कि मिर्ज़ा ग़ालिब की २२०वीं सालगिरह। कितने महान शेर।

उनके इस ट्वीट के बाद तमाम लोगों ने उन्हें इस बात की जानकार दी कि ना तो ये शेर मिर्ज़ा ग़ालिब के है और ना ही उनकी कोई सालगिरह थी। इन सब के बीच गीतकार और लेखक जावेद अख्?तर भी शामिल थे जिन्होंने थरुर की इस गलति को सुधारते हुए ट्वीट कर लिखा - 'शशि जी, जिस किसी ने आपको ये लाइनें दी हैं उसपर कभी भरोसा मत कीजिएगा। साफ़ है कि किसी ने ये लाइनें आपके ज़ख़ीरे में इस मक़सद से रख दीं ताकि आपकी साहित्यिक साख को नुक़सान पहुंचा जा सके है।

हालांकि जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर थरूर ने री- ट्वीट करते हुए लिखा - 'जावेदजी और दूसरे मित्रों का शुक्रिया, यह अहसास दिलाने के लिए कि मैंने क्या किया था। जिस तरह से हर उद्धरण को विन्स्टन चर्चिल के नाम समर्पित कर दिया जाता है, उसी तरह लगता है कि जब लोग शायरी को पसंद करते हैं तो वे उसका श्रेय ग़ालिब को दे देत हैं। मैं माफी मांगता हूं।'

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