शारदा चिटफंड मामले में पश्चिम बंगाल की सियासत गरमाती जा रही है। तीन दिन से धरने पर बैठीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर अब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधा है। जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछताछ के लिए गई सीबीआई टीम को रोकने में ममता बनर्जी ने जो जल्दबाजी में प्रतिक्रिया दी, उससे कई मुद्दे जनता के बीच चर्चा के लिए आ गए हैं।
जेटली ने कहा है कि यह मामला २०१३ -२०१४ में सामने आया था। जिसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था। इस मामले में कई सारे लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया तो वहीं कई लोग बेल पर है।
शारदा चीट फंड मामले में जांच के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई की टीम के कार्रवाई को ममता बनर्जी समेत तमाम विपक्षी दलों ने देश के संघीय ढ़ाचे पर प्रहार करार दिया है। इस पर अरुण जेटलनी ने लिखा है कि संघीय व्यवस्था कोई स्लोगन नहीं है। यह केंद्र-राज्य संबंधों के बीच का एक नाजुक संतुलन जेटली ने लिखा है कि हमारे संविधान में केंद्र और राज्य सरकार के बीच काम करने के तरीके को साफ तौर पर लिखा गया है। अरुण जेटली के मुताबिक, देश में कई केंद्रीय एजेंसी और संस्थाएं हैं जो राज्यों में जांच करती हैं।
अरुण जेटली ने लिखा है कि ममता बनर्जी ऐसा इसलिए कर रही हैं ताकि अपने प्रतिद्वंदियों (विपक्षी दलों) में वो अपने आप को पीएम पद के लिए सबसे आगे कर सके। प्रधानमंत्री पर हमला करना उनकी एक रणनीति है। इसके माध्यम से वे अपने साथ के लोगों को साइड कर खुद को केंद्र में रखना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार से धरने पर बैठीं हैं।