शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिश्केक पहुंच गए हैं। यह शिखर सम्मेलन १३ और १४ जून को आयोजित होगा। इस दौरान पीएम मोदी कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और भारत की रणनीति में मध्य एशिया के महत्व को हाईलाइट करेंगे। इस सम्मेलन में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे। हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक मोदी और इमरान की मुलाकात नहीं होगी। इमरान पहले ही मोदी को पत्र लिखकर बातचीत की मांग कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ओमान, ईरान और मध्य एशिया के रास्ते बिश्केक पहुंचे हैं। एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय ने साफ किया था कि किर्गिस्तान जाने के लिए मोदी पाक का रास्ता नहीं अपनाएंगे। इस सम्मेलन में मुख्य तौर पर वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर जोर दिया जाएगा।इसकी जानकारी पीए मोदी ने बुधवार को साझा की थी। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि किर्गिस्तान की उनकी यात्रा एससीओ के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगी। बता दें कि भारत-किर्गिस्तान के बीच रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई द्विपक्षीय क्षेत्रों में समझौते हुए। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए।
इस संगठन की स्थापना २००१ में की गई -
एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है। इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। शंघाई सहयोग संगठन २००१ में बनाया गया था। चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं। यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है। भारत और पाकिस्तान इस संगठन से २०१७ में स्थाई सदस्य के तौर पर जुड़े।