आधार कार्ड भारतीय नागरिक की पहली पहचान बन चुका है। आज लगभग सभी सरकारी व गैर सरकारी विभागों में पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड को ही प्राथमिकता दी जाती है। मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड खरीदने तक के लिए आधार कार्ड मांगा जाता है तथा टेलीकॉम कंपनियों ने भी नई व पुरानी सभी सिम की केवाईसी कराने के निर्देश पिछले दिनों जारी किए थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड व केवाईसी को लेकर नया आदेश जारी कर दिया है जिसके बाद नया सिम कार्ड खरीदने के लिए अब आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब आम आदमी किसी भी पहचान पत्र के जरिये नई सिम कार्ड खरीद सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने भी नए सिम कार्ड खरीदने तथा ब्राडबैंड जैसी अन्य टेलीकॉम सर्विसेज के इस्तेमाल लिए आधार कार्ड की आवश्यकता को खत्म कर दिया है।
अगर वेंडर दूसरे आईडी लेने से मना कर देता है तो...
अगर सिम कार्ड वेंडर आधार के अलावा कोई भी सरकार द्वारा स्वीकृत आईडी प्रूफ लेने से मना कर देता है तो आप डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यनिकेशन (DoT) में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।इसके साथ ही अगर यूजर्स टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के रिकॉर्ड्स से अपनी आधार डिटेल्स को रीमूव करना चाहते हैं तो उन्हें अपने सर्विस प्रोवाइडर को कॉल करना होगा। यहां से आपको प्वाइंट ऑफ सेल या सर्विस की जानकारी मिल जाएगी जहां से आधार डाटा को डिलीट करने की रिकवेस्ट दी जा सकती है।