बिहार : समान काम के बदले समान वेतन देने का निर्णय SC ने किया निरस्त

Aazad Staff

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बिहार के ३.७ लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए समान काम के बदले समान वेतन देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे रद्द कर दिया है। बिहार के ३.७० लाख लोगों ने पहले पटना हाई कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था।

बिहार में ३.७ लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम-समान वेतन मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए नियमित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया है।

हालांकि पहले बिहार सरकार ने इय याचिका को मंजूरी दे दी थी बहरहाल इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को रद्द कर दिया। बिहार के करीब ३.७ लाख नियोजित शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उनसे जिस तरह काम लिया जाता है, उसी तरह उन्हें सैलरी भी मिले। इसके लिए उन्होंने समान काम-समान वेतन नारे के साथ कोर्ट से अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में बीते साल इस मामले में ११ याचिकाओं पर सुनवाई की और ३ अक्टूबर २०१८ को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि लंबे समय से बिहार में समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर नियोजित शिक्षक आंदोलन कर रहे थे। नियोजित शिक्षक को कोर्ट से ये उम्मीद थी कि फैसला उनके हक में आएंगा लेंकिन कोर्ट के इस फैसले से सबको बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के इस फैसले का असर राज्य के लगभग साढ़े तीन लाख शिक्षकों पर पड़ेगा।

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