एसबीआई का बड़ा ऐलान - अब ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने पर नहीं लगेगा IMPS शुल्क

Aazad Staff

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भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई) ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए इंस्टेंट मनी पेमेंट सर्विस (आई.एम.पी.एस) को खत्म करने का फैसला लिया है, जो १ अगस्त २०१९ से प्रभावी होगा।

देश के सबसे बड़े बैंक एस.बी.आई(स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के ग्राहको के लिए एक अच्छी खबर है। एस.बी.आई ने इंस्टेंट मनी पेमेंट सर्विस (आई.एम.पी.एस) पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब ग्राहकों को आई.एम.पी.एस करने पर किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। नया नियम एक अगस्त से लागू होगा।

बता दें कि आई.एम.पी.एस की मदद से यूजर तत्काल बड़ा अमाउंट ट्रांसफर कर सकते है। इससे पहले सभी बैंकों ने एक जुलाई से आर.टी.जी.एस और एन.ई.एफ.टी पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया था। छह जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी) की समीक्षा बैठक में आर.बी.आई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आर.टी.जी.एस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी) के जरिये होने वाला लेन-देन को निशुल्क कर दिया था।

बता दें कि आर.टी.जी.एस और एन.ई.एफ.टी करने पर बैंक ग्राहकों से चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती थी। फिलहाल १ हजार रुपए तक आई.एम.पी.एस के माध्यम से किए जाने वाले लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं लगता है। वहीं १ हजार से 1१० हजार के बीच के लेनदेन पर २ रुपए प्लस जी.एस.टी देना होता है।

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