सबरीमाला विवाद: मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Aazad Staff

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संवैधानिक पहलुओं पर होगी केवल सुनवाई - मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा

केरल के सबरीमाला में अय्यप्पा स्वामी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मांग वाली याचिका को राज परिवार की तरफ से वरिष्ठ वकील राधा कृष्णन ने हिंदू धर्म पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि ये याचिका हिन्दू धर्म को नुकसान पहुंचाने के मकसद से दाखिल की गई है। वही कोर्ट ने कहा है कि वे इस मामले में केवल संवैधानिक पहलुओं पर सुनवाई करेंगे और कुछ नहीं।

वकील राधा कृष्णन ने कोर्टसे अपिल की है कि कोर्ट को ऐसे धार्मिक मामले में दखल नहीं देना चाहिए जिसका लोग पीढ़ियों से पालन करते आये हैं। राधा कृष्णन ने कहा कि याचिकाकर्ता की भगवान अयप्पा में कोई रुचि नहीं है, ये केवल मंदिर की गरिमा पर हमला करने के लिए ये याचिका दाखिल की गई है. राधा कृष्णन मंदिर के 18 पवित्र सीढ़ियों के जिक्र करते हुए कहा कि 41 दिन का संकल्प करना होता है। उन्होने कहा कि ये केवल अय्यपा मंदिर का नहीं बल्कि देश के अलग-अलग मंदिर में अपनी अपनी परंपरा हैं।

गौरतलब है कि रल के पत्थनमथिट्टा जिले में सबरीमाला मंदिर है जिसमें 10 से लेकर 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. हालांकि यहां छोटी बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं जा सकती हैं।

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