सबरीमाला मंदिर : आखिरी दिन भी कोई महिला नहीं कर पाई प्रवेश, पुनर्विचार याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगी तिथि

Aazad Staff

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केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाज़त कोर्ट से मिल गई है लेकिन इसके बावजूद महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। सबरीमाला मंदिर छह दिन खुले रहने के बाद सोमवार शाम 7 बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। यहां कई  महिलाओं ने प्रवेश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारी विरोध की वजह से उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी।

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत भले ही मिल गई है लेकिन राज्य में आज भी इस फैसले के खिलाफ लोगो का प्रदर्शन जारी है। इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट 23 अक्टूबर यानी की आज पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय करेगा।

केरल में सबरीमाला मंदिर अयैप्पा भगवान का है। मंदिर में विराजमान अयैप्पा भगवान ब्रम्हचारी हैं। इस मंदिर में लंबे समय से 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। इस उम्र की महिलाओं पर पाबंदी उनके मासिक धर्म के दौरान पवित्र न होने के आधार पर थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गत 28 सितंबर को 4-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को लिंग आधारित भेदभाव मानते हुए इस फैसले को असंवैधानिक घोषित करते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी थी।

हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद अयैप्पा अनुयायी केरल समेत कई राज्यों में इसका विरोध कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कोर्ट में 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट आज इन पर सुनवाई की तारिख निर्धारित कर सकता है।

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