आरटीआई रैंकिंग में भारत की रैंकिंग लगातार कम होती जा रही है। 123 देशों में सूचना का अधिकार कानून के तहत लोगों को मिलने वाली जानकारी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है जिसमें इस साल भारत पांचवे स्थान से फिसल कर छठे स्थान पर आ गया है।
बतादें कि साल 2011 के दौरान देश में आरटीआई की स्थिति आज की तुलना में काफी बेहतर थी। उस वक्त भारत दूसरे स्थान पर था और आज के समय में भारत छठे स्थान पर पहुंच गया है। यह रेटिंग एक्सेस इंफो यूरोप और सेंट्रल फॉर लॉ एंड डेमेक्रेशी की तरफ से जारी की गईी है। इसमें रिपोर्ट में इस आधार पर रैंकिंग की गई है कि किस देश में सूचना के अधिकार के लिए बना कानून किस तरीके से काम कर रहा है। इसके लिए 150 अंको का स्केल तय किया गया था जिसके तहत इन देशों के सूचना के अधिकार से जुड़े इस कानून की मजबूती और कमजोरी को आंका गया है।
बता दें कि 13 साल पहले आज ही के दिन लोगों को सशक्त करने वाला सबसे महत्वपूर्ण सूचना का अधिकार कानून, 2005 लागू हुआ। देश के इतिहास में इस कानून ने कई अहम घोटालों को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई। इस नियम के अनुसार लोगों को मनवांछित सूचना तय समय में पाने के काबिल बनाया गया है।