भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नेत्रहीनों को नोटों की पहचान करने में सहूलियत देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए आरबीआई मोबाइल फोन आधारित समाधान खोज रहा है। वर्तमान में, नेत्रहीनों को नोट पहचानने के लिए 100 रुपये और उससे ऊपर के नोटों की छपाई इस रूप से उभरते रूप (इंटैग्लियो प्रिंटिंग) में होती है, जिससे वे स्पर्श कर उसे पहचान सके। आरबीआई की इस पहल से 80 लाख नेत्रहीनों को लाभ गो सकता है। फिलहाल देश में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपये के नोट चलन में हैं।
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में आरबीआई ने जून 2018 में घोषणा की थी। और अब अब आरबीआई ने भारतीय मुद्रा के मूल्यवर्ग की पहचान के लिये तंत्र/उपकरण विकसित करने के लिये वेंडरों से रुचि पत्र मंगाए हैं। इसी तर्ज पर अब आरबीआई ने भारतीय मुद्रा के मूल्यवर्ग की पहचान के लिये तंत्र/उपकरण विकसित करने के लिये वेंडरों से रुचि पत्र मंगाए हैं।
हालांकि इस उपकरण को लेकर ये कहा जा रहा है कि यह पूरी तरह से सॉफ्टवेयर आधारित हो सकता है जो मोबाइल फोन या हार्डवेयर की मदद से या दोनों के संयोजन से चलने में सक्षम हो। यदि समाधान हार्डवेयर आधारित समाधान हो तो बैटरी से चलने वाला, रिचार्ज हो जाने वाला, छोटा और पकड़ने में आरामदायक हो। साथ ही उसे अतिरिक्त रोशनी की जरूरत नहीं होनी चाहिये।