रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आम आदमी और कंपनियों को बड़ा तोहफा देते हुए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। रेपो रेट ०.२५ फीसदी कम होकर ५.७५फीसदी हो गया है। यह लगातार तीसरा मौका है जब ब्याज दर घटाई गई हैं। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फंड ट्रांसफर करने पर सभी तरह के लगने वाले चार्ज को भी हटाने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसे ट्रांजेक्?शन करने वाले लोगों को किसी भी तरह का एक्?स्?ट्रा चार्ज नहीं देना होगा। बताया जा रहा है कि डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है।
मौजूदा समय में सरकारी और निजी बैंक आईएमपीएस (IMPS) और आरटीजीएस (RTGS) सेवा के लिए ग्राहकों से शुल्?क लेते हैं। यहां बता दें कि देश का सबसे बड़ा बैंक स्?टेट बैंक ऑफ इंडिया एनईएफटी (NEFT) की सुविधा पर २.५ रुपये से लेकर २५ रुपये तक का शुल्?क लगाता है। एसबीआई १० हजार रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर पर २.५ रुपये, १० हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर तक पांच रुपये का शुल्?क लगाता है। इसके अलावा एसबीआई १ लाख रुपये से २ लाख रुपये तक की धनराशि एनईएफटी के जरिये भेजने पर १५ रुपये का शुल्?क वसूलता है। वहीं २ लाख रुपये से अधिक के पैसे ट्रांसफर पर २५ रुपये चार्ज वसूला जाता है। देश के अन्?य बैंक भी ग्राहकों से इसी तरह का शुल्?क वसूलते हैं। इन सभी शुल्क पर १८ फीसदी जीएसटी भी अतरिक्त देनी होती है। एनईएफटी के अंतर्गत मौजूदा समय फंड ट्रांसफर करने के लिए समयसीमा तय है। हालांकि नए नीयम के तहत अब यह सेवा २४ घंटे उपलब्ध रहेंगी।
इतना ही नहीं रिजर्व बैंक ने जीडीपी का अनुमान भी घटा दिया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ रेट ७ फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ को ७.२ फीसदी का अनुमान लगाया था. वहीं केंद्रीय बैंक ने २०१९ -२०२० की पहली छमाही में महंगाई दर ३ से३.१ फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। वहीं साल की दूसरी छमाही में यह आंकड़ा३.४ %-३.७ % तक रह सकता है।