भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों पर आज बैठक की जाएगी। इस बैठक में मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों (रेपो रेट) में ०.३५ प्रतिशत की कटौती किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में , केंद्रीय बैंक ने महंगाई की दर में ०.५० फीसदी की कटौती की है। खाद्य पदार्थो की कम कीमतों के साथ वृद्धि की चिंता को देखते हुए आरबीआई आक्रामक रूप से प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ?हमें उम्मीद है कि रेपो रेट में २५ आधार अंकों की कटौती होगी। हालांकि रेट में कटौती पर मॉनसून और कच्चे तेल की वैश्विक कीमत का भी प्रभाव पड़ेगा.?
आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्?याज दर कम करने का दबाव बनेगा। इस स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। नए लोन लेने में भी पहले के मुकाबले ज्?यादा राहत मिलेगी। मालूम हो कि आरबीआई की ओर से पिछली दो कटौती का लाभ बैंकों ने पूरी तरह से उपभोक्ताओं को नहीं दिया था। रेपो रेट घटाने के बाद कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंकों से कटौती का फायदा पहुंचाने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि इस बार आरबीआई बैंकों से पूरी कटौती देने को कह सकता है।