राजस्थान में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है। राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस सरकार को १०वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में संघ विचारक विनायक दामोदर सावरकर को ''पुर्तगाल का पुत्र''बताने पर घेरा है ।
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बयान से प्रेरणा लेनी चाहिए जिसमें उन्होंने सावरकर को साहस एवं देशभक्ति का प्रतीक,एक देशभक्त क्रांतिकारी एवं असंख्य लोगों का प्रेरणा पुरुष बताया था।
देवनानी ने ट्वीट में कहा कि ''वीर सावरकर के वीर होने पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाली कांग्रेस सरकार को अपनी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का इतिहास पढ़ना चाहिए। इंदिरा सरकार ने १९७० में उन पर डाक टिकट जारी कर स्वतन्त्रता आंदोलन में उनके योगदान एवं देशभक्ति की प्रशंसा की थी।
बता दें कि कांग्रेस सरकार ने राज्य में सत्ता में आने के बाद स्कूली किताबों के पुनरीक्षण के लिए कमिटी का गठन किया है. कमिटी ने हाल ही में सावरकर की लघु आत्मकथा का पुनरीक्षण कर उनके नाम के आगे से 'वीर' शब्द हटाकर विनायक दामोदर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का षड्यंत्र करने और उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का समर्थक बताया है।
राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि किताबों में बदलाव शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की कमिटी की अनुशंसा के आधार पर किया जा रहा है। डोटासरा ने बताया, 'इस बारे में मैं क्या कह सकता हूं। यही कह सकता हूं कि शिक्षा में बदलाव के लिए शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की कमिटी ने प्रामाणिकता के आधार पर जो अनुशंसा की है उसी के आधार पर बदलाव किया जा रहा है।