राजस्थान सरकार ने बुधवार को ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा को पास कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के प्रावधानों को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने का संकल्प विधानसभा से पारित कर दिया है। अब गुर्जर समेत पांच अति पिछड़ी जातियों को प्रदेश में अलग से पांच फ़ीसदी आरक्षण मिल सकेगा।
राज्य की कांग्रेस सरकार ने यह विधेयक ऐसे समय में पारित कराया है, जब गुर्जर समुदाय के लोग किरौड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे हैं। उनका प्रदर्शन बुधवार को छठे दिन भी जारी रहा।
हालांकि विधेयक पारित होने के बाद बैंसला ने कहा कि इसपर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति इस विधेयक के बारे में सांसदों, विधायकों और बुद्धिजीवियों से चर्चा करेगी।
बता दें कि प्रदेश में गुर्जर आंदोल के कारण आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग सहित कई रेल व सड़क मार्ग बंद रहें। उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि इस आंदोलन के कारण दो और ट्रेनें उदयपुर- पाटलिपुत्र व पाटलिपुत्र-उदयपुर बुधवार को रद्द कर दी गईं।
इन जातियों को लाभ
विधानसभा में पारित विधेयक में राज्य में पांच अति पिछड़ी जातियों में पहला-बंजारा/ बालदिया/लबाना, दूसरा-गाडिया लोहार/ गाडोलिया, तीसरा- गुर्जर/गुजर, चौथा- राइका/ रैबारी/ देबासी, पांचवा- गडरिया/गाडरी/ गायरी को पांच प्रतिशत आरक्षण मुहैया करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, राज्य में पिछड़ा वर्ग आरक्षण मौजूदा २१ प्रतिशत से बढ़ाकर २६ किए जाने की मांग की गई है।