राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को लद्दाख स्थित सेना के सियाचिन बेस कैंप पहुंचे। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बाद रामनाथ कोबिंद सियाचिन की यात्रा करने वाले दूसरे राष्ट्रपति हैं।गौरतलब है कि 2004 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम यहां दौरे पर गए थे।
सियाचिन बेस कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अप्रैल 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के तहत भारतीय सेना ने सियाचिन में प्रवेश किया था। तब से लेकर आज तक आप जैसे वीर जवानों ने मातृभूमि के सबसे ऊंचे इस भूभाग पर शत्रु के कदम नहीं पड़ने दिए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत एक विशाल देश है। भारतवासियों को अपने देश की एक-एक इंच भूमि से गहरा लगाव है। 76 किलोमीटर की लंबाई और चार से आठ किलोमीटर की चौड़ाई वाला यह सियाचिन ग्लेशियर हमारे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
राष्ट्र के गौरव का प्रतीक हमारा तिरंगा इस ऊंचाई पर पूरी शान के साथ सदैव लहराता रहे, इसके लिए आप सब बेहद कठिन चुनौतियों का सामना करते हैं। अनेक सैनिकों ने यहां सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। ऐसे सभी बहादुर सियाचिन वॉरियर्स को नमन है।