राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यूरोपीय देशों के साथ भारत के उच्च स्तरीय संपर्क को जारी रखने के लिए दो सितंबर से विदेश यात्रा पर है। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सबसे पहले साइप्रस पहुंचे है जहां उनका भव्य स्वागत साइप्रस के ऊर्जा, वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन मंत्री जॉर्जियस लक्कोत्रीपिस ने किया। इस यात्रा में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस एनास्टासिएड्स के साथ कोविंद कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। इनमें द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का मुद्दा भी शामिल है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कार्यक्रम के दौरान दोनों देशों के इतिहास और संघर्ष के बारे में बताया। साथ ही संघर्ष को भी याद किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस ने एक दूसरे के स्वाधीनता आंदोलनों में परस्पर समर्थन दिया था और आजादी प्राप्त करने के बाद, एक राष्ट्र के रूप में प्रगति करने में एक-दूसरे की सहायता की है। साइप्रस की संस्कृति भी भारत की तरह ही प्राचीन संस्कृति है।
एक महान शहीद को याद कर कहा कि भारत के महान सपूत जनरल के.एस. थिमैया ने 1965 में साइप्रस में सेवा के दौरान अपने प्राण त्यागे थे। हम साइप्रस की जनता और यहां की सरकार की सराहना करते हैं। राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्विट कर कहा कि भारत और साइप्रस ने एक दूसरे के स्वाधीनता आंदोलनों में परस्पर समर्थन दिया था और आजादी प्राप्त करने के बाद, एक राष्ट्र के रूप में प्रगति करने में एक-दूसरे की सहायता की है। साइप्रस की संस्कृति भी भारत की तरह ही प्राचीन संस्कृति है।