दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को करारा झटका लगा है। राष्ट्रपति ने लाभ के पद मामले में उसके 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी।
सत्तर सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में अब आप के विधायकों की संख्या 66 से घटकर 46 रह गयी है, हालाँकि इस निर्णय से पार्टी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ा है।
गौरतलब है कि विधि मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया कि निर्वाचन आयोग द्वारा व्यक्त की गई राय के आलोक में दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को अयोग्य करार दिया गया है। आप विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था और इस पद को याचिकाकर्ता ने लाभ का पद बताया था।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। प्रशांत पटेल नाम के वकील ने इसे लाभ का पद बताते हुए राष्ट्रपति के पास शिकायत की थी। प्रशांत पटेल आप के इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। आम आदमी पार्टी से विधायक जनरैल सिंह के बीते वर्ष विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। विधायक जनरैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी।
इन विधायको की सदस्यता हुई खत्म
आदर्श शास्त्री,अलका लांबा, संजीव झा, कैलाश गहलोत , विजेंदर गर्ग, प्रवीण कुमार, शरद कुमार चौहान, मदन लाल, शिव चरण गोयल,सरिता सिंह, नरेश यादव , राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, अनिल कुमार बाजपेई, सोम दत्त, अवतार सिंह , सुखबीर सिंह, मनोज कुमार, नितिन त्यागी , जरनैल सिंह