पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं। 7 जून को होने वाले इस आयोजन के लिए आरएसएस की तरफ से उन्हे आमंत्रित किया गया था जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि उनके इस फैसले के बाद राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस नेता ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि आरएसएस का आत्मसम्मान मर गया है।
वहीं एएनआई को दिये बयान में संघ की ओर कहा गया है कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, जो लोग संघ जानते है उनको पता है कि ऐसे कार्यक्रमों में हमेशा समाज के प्रमुख लोगों को बुलाया जाता रहा है। इस बार हमने डॉ. प्रणब मुखर्जी को बुलाया है. यह उनकी महानता है कि उन्होंने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक वह नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे. संघ शिक्षा वर्ग के शिविर समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे. वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं.
गौरतलब है कि संघ के कार्यक्रम में डॉ. मुखर्जी के जाने की खबर पर इसलिये भी चर्चा हो रही है क्योंकि राष्ट्रपति बनने से पहले वो कांग्रेस के बड़े नेताओं में से गिने जाते रहे हैं जिनके संघ के साथ वैचारिक तौर पर गहरे मतभेद हैं।